तू कौन सा रंग है मेरा?
मैं सजने लगा तुझमे घुल के,
मैं रंग तेरा मेरा तू है,
खिलते रहे अब संघ बह के।
तू कौन तासीर है मेरी?
कौन गीत सुरीला तू?
रात घनेरी काली तू,
और रात चाँद चमकीला तू।
तू घीत पुराना है मेरा,
वही राग सजीला तू।
आंसू तू ,हंसी रंग मुस्कान भी तू।
ईश्वर तू, अल्लाह भी तू,
ज़मीन रंग आसमान भी तू।
सजा फूल बाग़ भी तू,
शब्दों की आवाज भी तू,
तू उगता सूरज है मेरा,
सांझ लाल आसमान भी तू,
तू ख्याल मेरा,
रात,सपना और चाँद भी तू,
गर्म हवा शरद भी तू,
और शीत लहर ग्रीष्म भी तू।
मैं तेरा, और मेरा तू,
जीत, हार हर यार भी तू,
लहू तू, आँशु भी तू,
और हर कहानी जुबान भी तू।
तू शांत सवेरा है मेरा,
भीड़ शोर और चाल भी तू,
गीत, तर्रानुम तू मेरा,
और मृदंग ढोल ताल भी तू,
तू क्यों चंचल फिरता वन वन,
क्या ढूंढता बेसुद वन वन यूँ?
मेरे हर हाल में तू, हर वाद में तू,
ये जीवन तू और ये सांस भी तू।
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